वाहनों पर क्यों लगी होती हैं अलग-अलग रंग की नंबर प्लेटें ?

संपादक – प्रवेश राय

किसी भी वाहन के लिए उसका नंबर प्लेट बेहद ज़रूरी होता है। नंबर प्लेट को लेकर भारत में कुछ पुख्ता नियम बनाए गए हैं, जो कि रजिस्ट्रेशन प्लेट के साइज़ से लेकर इसके रंग के अनुसार वाहनों को उनकी उपयोगिता के आधार पर भिन्न करते हैं। आम आदमी से लेकर राजनेता और सेना तक, हर किसी के लिए अलग-अलग नंबर प्लेट्स के इस्तेमाल का प्रावधान है।

सफेद बैक ग्राउंड वाले नंबर प्लेट्स प्राइवेट या निजी वाहनों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। जैसे कि व्यक्तिगत कार, मोटरसाइकिल या स्कूटर इत्यादि ।

पीले रंग की नंबर प्लेट का इस्तेमाल कमर्शियल या व्यवसायिक वाहनों
के लिए किया जाता है। जैसे कि, बस, ट्रक, टैक्सी इत्यादि ।

हरे रंग के नंबर प्लेट का इस्तेमाल ज़ीरो इमिशन व्हीकल यानी कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए किया जाता है। इसे इसलिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि रेगुलर ICE (पेट्रोल-डीजल) से चलते वाले वाहनों से इन्हें अलग किया जा सके।

लाल रंग के नंबर प्लेट आपको बहुत कम ही देखने को मिलते होंगे, आमतौर पर जिन वाहनों का अस्थाई रजिस्ट्रेशन किया गया हो या फिर टेस्टिंग व्हीकल्स के लिए इस नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया जाता है।

 

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