संपादक – प्रवेश राय
हरिद्वार | क्या गलती है उन अभिभावकों की जो दिन-रात मेहनत करके अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम पब्लिक स्कूल में पढ़ रहे हैं जिससे उनके बच्चो का भविष्य बेहतर हो सके और यही पब्लिक स्कूल उनके साथ छल कपट कर उनके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जी हां हम बात कर रहे हैं रोशनाबाद में स्थित एक पब्लिक स्कूल की जिसका नाम शिवम एकेडमी है जहां इस स्कूल में पढ़ने वाले कहीं छात्र-छात्रा शिक्षा से आज वंचित है वह अपनी फरियाद कई अधिकारियों की दफ्तर के चक्कर काट कर परेशान हो चुके हैं और अब अभिभावक भी यह सोच रहे हैं कि वह किस दरवाजे जाएं जिससे कि हमारे बच्चों की यह अधूरी शिक्षा पूरी हो सके।
मामला रोशनाबाद में स्थित शिवम अकैडमी का है जहां पर बैंक की देनदारी न देने के मामले में इस शिवम अकादमी की बिल्डिंग को बैंक के द्वारा सील लगा दी गई है
अब सवाल यह उठता है की बैंक के द्वारा लिया गया लोन कहां लगा और उसकी देनदारी बैंक को क्यों नहीं हुई यह एक जांच का विषय है पर क्या स्कूल के मैनेजमेंट द्वारा बैंक का लोन न चुकाने की गलती क्या यह पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा
इस शिवम अकादमी में पढ़ने वाले कक्षा 9 के विद्यार्थियों ने खुलेआम इस स्कूल पर आरोप लगाया कि जब स्कूल बंद हो गया तब हमें पता चला कि यह स्कूल आठवीं तक की मान्यता प्राप्त है फिर भी इन्होंने हमें नौवीं क्लास में दाखिला दिया और स्कूल प्रशासन के लोग हमें Q R कोड भेज कर फीस मंगवाते हैं और हमारी किसी भी तरीके से स्टडी नहीं हो रही है यह स्कूल दूसरे स्कूल से जॉइंट है जब हम उस स्कूल के पास भी गए तो उन्होंने हमें पढ़ने से मना कर दिया हम अपनी समस्या को लेकर के आज जिला प्रशासन के पास आए हैं जिससे कि हमारी परेशानियां दूर हो और हमें शिक्षा प्राप्त हो सके।
वही इस विषय पर जब मुख्य शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है और अगर कोई भी स्कूल की मान्यता आठवीं तक है और वह नौवीं दसवीं के बच्चे अपने यहां पढ़ रहा है तो यह बिल्कुल गलत है इस सारे मामले की जांच मैंने खंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है और जांच आने के बाद तुरंत कार्रवाई की जाएगी।